जानलेवा होता है भावना से भरा होना
अगर आपके घर में या आसपास ऐसा कोई बच्चा या बच्ची, जो भावनात्मक रूप से सोच रहा है/सोच रही है तो उसे तुरंत टोकिए और उसे एक बड़ी और गंभीर जानलेवा बीमारी से बचाने की कोशिश कीजिए। भावनात्मक रूप से सोचना अपने आप में एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में लड़के की तुलना में लड़किया ज्यादा पीड़ित है, क्योंकि लड़कियाँ दिल से सोचती है। आज के समय में ऐसा नहीं है बहुत सारी लड़कियाँ दिल के बजाय परिस्थिति, स्थिति, और दिमाग से सोचने लगी है। पर ऐसी लड़कियाँ जो भावना से भरी पड़ी है, उसके लिए जीवन एक श्राप बराबर है। वह किसी के साथ भी मिक्स नहीं हो पाती। उसकी अपनी एक दुनिया बन जाती है। वह प्यार, दुलार और अपनेपन में हमेशा खोई रहती है। उसे नहीं मालूम कि वह जीते जी ही मरती रहती है। उसके अंदर परिस्थितियों से सामना करने की क्षमता दिन पर दिन कम होती जाती है। ऐसी लड़कियाँ अपने लिए तो घातक ही होती है, लेकिन अपने परिवार, आसपास के लिए भी परेशानी का कारण बनती है। वह छोटी-छोटी चीजों में उलझी रहती है। वह अगर अपनी भावनाओं को सबके समक्ष रखें, तो कोई उसकी बातों को नहीं समझेगा। अगर वो अपनी बात...