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Showing posts from April, 2018

हाँ, मैंने प्रेम किया है

हाँ, मैंने प्रेम किया है बहुत ज्यादा प्रेम किया है प्रेम में डूब गयी हूँ प्रेममय हो गयी हूँ हाँ, मैंने प्रेम किया है प्रेम के गीत गुनगुनाती हूँ जीवन भर साथ देने का वादा किया है खुशी और गम में भी साथ रहने का इरादा है हाँ, मैंने प्रेम किया है प्रेम में पागल हो चुकी हूँ कुछ और दिखता नहीं केवल प्रेम ही प्रेम दिखता है मैं मीरा बन चुकी हूँ, मैं राधा बन चुकी हूँ डूबा हुआ है मेरा मन हाँ, मैंने बहुत प्रेम कर लिया है इतना कि अब तो सबको इसकी भनक भी मिलने लगी होगी जलने वाले जलने भी लगे होंगे हाँ, मैंने प्रेम कर लिया है तुमने बिल्कुल सही सुना है सही समझा है मैंने प्रेम किया है मेरे धड़कन में भी मेरे दिल में भी मेरे ख्वाब में भी मैं प्रेम करने लगी हूँ जी हाँ, मैंने खुद से प्रेम कर लिया है अपने आप से प्रेम कर लिया है इतना प्रेम किया है कि आँखें, दिल मेरे ही प्रेम में गोते खा रहा है हाँ, मैंने खुद से प्रेम कर लिया है कोई खता तो नहीं की ना ही कोई भूल मैंने तो केवल खुद से प्यार किया है और सबसे बड़ी बात है कि इसको स्वीकार

जिंदगी की रानी बनी रानी मुखर्जी ‘हिचकी’ में

हिचकी। जी हाँ, हिचकी। घबराइये नहीं। वो हिचकी नहीं, जिससे पता चले कि आपको कोई याद कर रहा है या फिर वो भी हिचकी नहीं जिससे कि लोग आपके सामने पानी बढ़ा दे। यह हिचकी रानी मुखर्जी की ‘हिचकी’ है। यानी बालीवुड की एक नयी फिल्म। एक नयी सोच पर बनी फिल्म। इस फिल्म में ‘हिचकी’ को एक बीमारी के रूप में दिखाया गया है, जिसकी वजह से रानी मुखर्जी (नैना) एक सामान्य जिंदगी नहीं जी पाती है और उसे हर जगह अलग तरह से देखा जाता है। पर उसने बड़ी सच्चाई से अपनी इस कमजोरी को ही ताकत बना लिया और एक सफलतम जिंदगी जी कर दिखा दिया। इस फिल्म के माध्यम से हम यह जरूर समझ सकते हैं कि जिस तरह रानी मुखर्जी (नैना) को हिचकी की परेशानी थी, उसी तरह से हम सब के अंदर कोई न कोई कमी और परेशानी जरूर है, और जब हम अपनी कमी और परेशानी को स्वीकार कर उसके साथ आगे बढ़ने का हौसला रखते हैं, तो दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। बालीवुड में अपनी अमिट छाप रखने वाली अभिनेत्री रानी मुखर्जी चार साल के अंतराल के बाद इस फिल्म से बालीवुड में फिर से आई हैं। उनके दर्शक इस रोल में भी काफी पसंद किया है। इस फिल्म में रानी मुखर्जी एक सामान्य परिवार की ए