पुरुष तुम नमक हो

पुरुष तुम नमक हो
हमारे घर के
हमारे परिवार के
हमारे समाज के
पुरुष तुम नमक हो
हमारे जीवन के
हमारे सपने के
हमारे बच्चों के
पुरुष तुम नमक हो
तुम्हारा होना उतना ही
जरूरी है
जितना सब्जी में नमक
का होना
नमकीन होना ही
तुम्हारी गुणवत्ता है
तुम्हारे बिना सबकुछ
फीका है
वैसे ही जैसे फीकी हो जाती है
सब्जी नमक के बिना
पर अगर तुम अधिक हो जाते
हो तो भी जीवन बेस्वाद हो जाती है
बिल्कुल सब्जी की तरह
इसलिए तुम रहो, पर अपने दायरे में
अपनी गरिमा में, अपने सीमा में
क्योंकि तुम नमक हो

पुरुष तुम नमक हो।

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