प्यार और टकराव
प्यार
और टकराव
प्यार
और टकराव
जिंदगी
के है पहिये यार
जहाँ
आज प्यार वहीं कल टकराव
जहाँ
कल टकराव वहीं आज प्यार
दोनों
चले साथ-साथ
थामे
एक-दूजे का हाथ
एक
से मन खिलखिलाये
दूजे
से मन घबराये
जिंदगी
के है पहिये यार
प्यार
से प्यार मिले
टकराव
से मन खिन्ने
जिंदगी
के है पहिये यार
घबराना
नहीं
कदम
बढ़ाना
जैसे
रात के बाद दिन
अंधेरे
के बाद रोशनी
वैसे
ही टकराव के बाद प्यार
जहाँ
नहीं है टकराव तो सोचना
नहीं
हो सकेगा वहां कभी प्यार
जिंदगी
के है पहिये यार
जहाँ
टकराहट वहीं प्यार
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