कविता केवल कविता नहीं होती

कविता
कविता केवल
कविता नहीं होती
वो तो होती है
मन की अभिव्यक्ति
मन का सुख
मन का दुख
कविता केवल
कविता नहीं होती
वो तो होती है
दुख में बिल्कुल
आपसे चिपकी हुई
आंसू की तरह
बहती रहती है
कागजों पर
रचती रहती है
एक नया संसार
कविता केवल
कविता नहीं होती
वो तो होती है
अकेलेपन की साथी
हाथ थामें रहती है
रास्ता दिखाती रहती है
कदम बढ़ाती रहती है
कविता केवल कविता
नहीं होती
वह जख्म को
भरने  का काम करती है
कभी खोलकर तो कभी
ढँक कर घाव ठीक करती है
कविता केवल
कविता नहीं होती
वो तो रोशनदान
होती है
चारों ओर से बंद कमरे में
भी हल्की रोशनी ला देती है
और उम्मीद की नयी किरण
जगा जाती है
कविता केवल कविता नहीं होती
वो तो पूरी जिंदगी होती है
सारे रंगों से भरी होती है
सारे ख्वाबों से भरी होती है
कविता केवल कविता नहीं होती है



Comments

Popular posts from this blog

प्रेसिडेंसी में आठ साल का सुहाना सफर

बातचीत